इतना क्यों चाहता हूँ । - हिन्दी Inclinde

Sunday, January 19, 2020

इतना क्यों चाहता हूँ ।

     
न जाने तुझे इतना क्यों चाहता हूँ ,
तेरी कुलफतो मे गुमसुम-सा रहता हूँ ।
उन लम्हो की मधुर स्मृति से,
एक सुन्दर तस्वीर बनाता हूँ ।
        इतना क्यों चाहता हूँ ।   ।1।

तेरी आँखों मे जंगल है,
मै जहां राह भूल जाता हूँ ।
है तू सोम-सी तेरे आने का,
मै चकोर-सा इंतजार करता हूँ ।
         इतना क्यों चाहता हूँ ।   ।2।

मै खुद को माहिर तैराक समझता हूँ,
मगर तेरी यादों के सागर मे डूब जाता हूँ ।
होता बेचैन-सा जब दिल मेरा,
तेरी यादों के गीत गुनगुनाता हूँ ।
             इतना क्यों चाहता हूँ ।   ।3।

तुझे देखने को जब दिल मेरा इसरार करता है,
मै उसे कल्प दर्पण पर तेरी तस्वीर दिखाता हूँ ।
ना समझ है ये दिल अरुण मगर,
मै उसे मास्टर गणित- सा समझाता हूँ ।
              इतना क्यों चाहता हूँ ।    ।4।


अरुण पाल -अमेठी

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