तुम मैट्रिक की अध्येता हो , मै हुआ मैट्रिक पास प्रिये।
तुम हो दिल की धड़कन सी , मै हर पल चलती श्वास प्रिये।
तुम खूबसूरत शहर में पली- बढ़ी ,मै पला गांव की गलियों में |
तुम हरित पुष्प सी कोमल हो, मै भ्रमर पुष्प की कलियों में।
तुम सुंदर पुष्प हो फुलवारी की , मै तो पुष्प प्लास प्रिये।
तुम मैट्रिक की अध्येता हो, मै हुआ मैट्रिक पास प्रिये।
कैसे बतलाऊ मै तुझको ,चाहत कितनी है तेरे प्रति।
जैसे संबंधित गणित में , है महज त्रिकोणमिति।
तुम sinθ जैसी हो , मै तो θ cos प्रिये।
तुम मैट्रिक की अध्येता हो, मै हुआ मैट्रिक पास प्रिये।
तुम मधुर गीत की गायन सी हो, मै थ्योरी रसायन हूँ।
तुम तुलसीदास की रामचरित ,मै वाल्मीकि रामायण हूँ।
मुस्कान सदा तेरे चेहरे पर, मै रहता बिंदास प्रिये।
तुम मैट्रिक की अध्येता हो, मै हुआ मैट्रिक पास प्रिये।
तुम नई करेंसी सी लगती , मै तो महज सिक्का- सा दिखता।
तुम गजब प्रश्न भावात्मक हो , जिसकी नहीं कोई प्रायिकता।
तुम करेंट अफेयर सी लगती , मै तो पूरा इतिहास प्रिये।
तुम मैट्रिक की अध्येता हो, मै हुआ मैट्रिक पास प्रिये।
तुम सहज प्रश्न सी लगती हो ,मै एक जटिल equation हूँ।
तुम चाँद शब्द की definition ,मै भौतिकी derivation हूँ।
माना तुम एक चमक दर्पण की , मै तो हूँ प्रकाश प्रिये।
तुम मैट्रिक की अध्येता हो , मै हुआ मैट्रिक पास प्रिये।
अरुण पाल